प्रत्येक मनुष्य ब्रह्म है, दलित कोई नहीं
Brahmachari Dr Girish Varma Ji |
ब्रह्मचारी जी ने संतों से निवेदन किया कि वे ब्रह्म को दलित बनाए जाने की कुत्सित चालों को अपने ज्ञान और आशीर्वाद से नाकाम कर दें, प्रत्येक मनुष्य को अहं ब्रह्मास्मि का बोध करा दें। उन्होंने भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया कि भविष्य में कोई व्यक्ति दलित कहलाकर अपने को छोटा, दुर्बल, निर्धन, दीन-हीन ना समझे। समाज में सब ब्रह्मत्व को प्राप्त करें, सब आनन्दमय जीवन जियें, सब जीवन को पूर्ण बनायें, स्वस्थ्य रहें, सम्पन्न हों, ज्ञानी हों, प्रबुद्ध हों, अजेय हों। सर्वेभवन्तु सुखिनः केवल सिद्धाँत नहीं है, केवल एक उक्ति नहीं है, यह वास्तविकता है, यह पूर्णरूपेण सम्भव है। भारतीय सन्तों की तपस्या पहले भारत और फिर भारत के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व के जनमानस के लिये कल्याणकारी सिद्ध होगी।
विजय रत्न खरे, निदेशक - संचार एवं जनसम्पर्क
महर्षि शिक्षा संस्थान
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