Friday, July 5, 2019

Amrit Kan 39 by Brahmachari Girish

अमृत कण 39



इच्छाओं, इन्द्रिय संतुष्टि, विलासिता की सामग्री, अतिसम्मान या अनावश्यक सम्मान, प्रचार भाव, बड़प्पन भाव, अहंकार का संचय करना 'अपरिग्रह' है।

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